महिंद्रा और इंडिगो के बीच हालिया विवाद ने भारतीय उद्योग जगत में एक नई बहस को जन्म दिया है। यह विवाद महिंद्रा की नई इलेक्ट्रिक SUV “BE 6e” के नाम को लेकर है, जो इंडिगो के ट्रेडमार्क “6E” से टकराव का कारण बना। इस नामकरण विवाद ने दोनों कंपनियों को कोर्ट तक पहुंचा दिया है।
महिंद्रा ने 3 दिसंबर को एक बयान में स्पष्ट किया कि वह इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो) के साथ मिलकर समाधान निकालने की कोशिश कर रही है। बयान में कहा गया, “हमने इंडिगो की चिंताओं को समझा है और इसे हल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य उनके गुडविल को नुकसान पहुंचाना नहीं है।”
इसके जवाब में, इंडिगो ने उसी दिन अपने ट्रेडमार्क “6E” को लेकर एक सख्त बयान जारी किया। इंडिगो ने कहा, “6E पिछले 18 वर्षों से हमारी पहचान का अभिन्न हिस्सा है। इसका कोई भी अनाधिकृत उपयोग हमारी प्रतिष्ठा, गुडविल और ब्रांड पहचान का उल्लंघन है। हम अपनी बौद्धिक संपदा और ब्रांड को सुरक्षित रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।”
महिंद्रा का पक्ष और SUV का नया नाम
महिंद्रा ने अपनी SUV का नाम “BE 6e” रखा था, जो कंपनी की INGLO EV आर्किटेक्चर पर आधारित है। इस गाड़ी को फरवरी 2025 में लॉन्च करने की योजना है। इसका शुरुआती दाम 18.90 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) रखा गया है। महिंद्रा का दावा है कि “BE 6e” और इंडिगो के “6E” के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।
महिंद्रा ने कहा, “हमारा नाम BE 6e है, न कि सिर्फ 6E। यह इंडिगो के 6E से मूल रूप से अलग है, जो एक एयरलाइन का प्रतिनिधित्व करता है। हमारा आवेदन एक अलग उद्योग और उत्पाद के लिए है। इसलिए हमें किसी भी टकराव की संभावना नहीं दिखती।”
हालांकि, इंडिगो की आपत्तियों को देखते हुए, महिंद्रा ने नाम में बदलाव करते हुए SUV का नाम “BE 6” करने का फैसला लिया। लेकिन इसके बावजूद कंपनी ने कोर्ट में इंडिगो की आपत्ति का विरोध करने का निर्णय लिया है। महिंद्रा का कहना है कि अगर यह दावा चुनौती नहीं दी गई, तो यह भविष्य में अन्य कंपनियों के लिए भी समस्याएं खड़ी कर सकता है।
इंडिगो के दावों और महिंद्रा के तर्कों की तुलना
इंडिगो ने कहा है कि “6E” का इस्तेमाल उसके एयरलाइन व्यवसाय और सहयोगी सेवाओं में किया जाता है। यह नाम उसके ब्रांड की पहचान है और इसका किसी भी अन्य रूप में उपयोग इंडिगो की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है।
दूसरी ओर, महिंद्रा ने इंडिगो के “6E” ट्रेडमार्क का विरोध करते हुए “Tata Motors” का उदाहरण दिया। महिंद्रा ने कहा, “टाटा मोटर्स ने कभी इंडिगो ब्रांड नाम पर आपत्ति जताई थी, लेकिन इंटरग्लोब ने इसे एयरलाइन उद्योग में उपयोग करना जारी रखा।”
महिंद्रा ने इसे इंडिगो की ‘अनुचित’ नीति करार दिया और कहा कि यह विवाद दो बड़ी भारतीय कंपनियों को अनावश्यक रूप से उलझा रहा है।
नाम विवाद का भविष्य
इंडिगो ने दिल्ली हाई कोर्ट में महिंद्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें BE 6e नाम को उसके ट्रेडमार्क “6E” के खिलाफ बताया गया है। इसके चलते महिंद्रा को अपनी नई इलेक्ट्रिक SUV का नाम बदलकर “BE 6” करना पड़ा।
महिंद्रा का कहना है कि यह मुकदमा अगर सफल हुआ, तो यह अल्फा-न्यूमेरिक नामों के उपयोग पर एक गलत मिसाल कायम करेगा। कंपनी ने कहा, “यह फैसला विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों की कंपनियों के लिए बाधा बन सकता है।”
महिंद्रा के मुताबिक, “BE 6e” नाम को ‘Be Sexy’ की भावना से जोड़ा गया था। लेकिन इंडिगो के ट्रेडमार्क विवाद के चलते इसे बदलना पड़ा। महिंद्रा ने जोर देकर कहा कि उसका नामकरण किसी भी तरह से इंडिगो की सेवाओं या पहचान के खिलाफ नहीं था।